9.3.11

देवेन्द्र दत्त मिश्र

पहली बार मिला प्रशासनिक कार्य से, अभिरुचियों की चर्चा हुयी, पता चला साहित्य में रुचि है तो दोनों साथ हो लिये मेरे वाहन में, दो घंटे की यात्रा, संवाद की गूढ़ता में डूबे हम लोगों को ड्राइवर महोदय ने ही बताया कि सर, घर आ गया है। जीवनयात्रा में यात्राओं ने बहुत कुछ दिया है, मिला एक और उपहार, मुझे भी, साहित्य को भी और संभवतः ब्लॉग जगत को भी।

बहुधा ऐसा होता है कि हम अपनी योग्यताओं को अकारण किसी पर थोपते नहीं हैं, एक कारण बहुत ही सौम्य होता है, हमारी विनम्रता, पर उसमें हमें अपनी योग्यताओं का भान सतत रहता है, व्यक्तित्व में गुरुता बनी रहती है। दूसरा कारण प्राकृतिक होता है, फक्कड़ी जैसा, योग्यता गुरुता नहीं लाती व्यक्तित्व में, व्यवहार की सहजता में मात्र प्रसन्नता ही बिखरती है चहुँ ओर, लहरों के उछाल में पता ही नहीं चलता कि सागर कितना गहरा है।

दो घंटों की बातचीत, न जाने कितने पक्ष खोलती गयी, एक के बाद एक, बीज से प्रारम्भ हुआ ज्ञान का वटवृक्ष बन फैलता गया, न जाने कितना क्षेत्रफल समेटे मुठ्ठीभर मस्तिष्क में। मेरा सौभाग्य ही कहेंगे इसे कि मेरे सम्मुख वह खुलते गये।

अनुभव की व्यापकता मशीनी मानव से भिन्न व्यक्तित्व निर्मित करती है, एक विशेष, विशद, समग्र दृष्टिकोण लिये। न जाने कौन सा अनुभव कब काम आ जाये, किस नये क्षेत्र में उसका उपयोग एक क्रान्ति का प्रादुर्भाव कर बैठे, इतिहास भरा पड़ा है ऐसे उदाहरणों से। सामाजिक व व्यवहारिक रूपों में उन अनुभवों का समन्वय जो निष्कर्ष लेकर आता है, उसकी प्रतीक्षा में ही सकल विश्व बाट जोहता बैठा रहता है, हर प्रभात के साथ। मैं मैराथन में अनुभव किये सत्य जब परिवार में लगाता हूँ तो धैर्य जैसे गुणों को सम्मानित स्थान मिल जाता है। लेन्ज का नियम पुत्र के तेवर बताने लगता है। गणित का सवाल हल कर लेने का उत्साह छोटी छोटी बातों में प्रसन्न हो जाना सिखा देता है। अंतरिक्ष की विशालता में स्वयं का स्थान जीवन से गुरुता निकाल फेंकती है। विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवजन्य सत्य जीवन का अस्तित्व सुखद करने में लगे हुये हैं।

एक इलेक्ट्रिकल इन्जीनियर, आई आई एम बंगलोर से प्रबन्धन के परास्नातक, मेट्रो प्रोजेक्ट के 6 वर्ष के अग्रिम अनुभव में पके, विदेश में कार्यसंस्कृति के प्रशिक्षण में पगे, अध्यात्म के संदर्भों के जानकार, साहित्य में प्रबल हस्तक्षेप रखने वाले, कवि हृदय, सहजता के सुरवेत्ता और अपने सब गुणों को अपनी फक्कड़ी के भीतर छिपाये देवेन्द्र दत्त मिश्र से जब आप मिलेंगे तो उनकी मुस्कराहटपूर्ण आत्मीयता आपको उनके साथ और संवाद करने को विवश कर देगी।

मेरा स्वार्थ बड़ा साधारण सा था, उन्हे कुछ लिखने के लिये प्रेरित करना। पर मेरा विश्वास उतना साधारण नहीं है, जो यह माने बैठा है कि उनके अनुभव के छन्नों से छनकर जो सृजन उतरेगा, वह साहित्य व ब्लॉग जगत के लिये संग्रहणीय होगा। मेरे कई बार उलाहना देने पर उन्होने अपना ब्लॉग प्रारम्भ कर दिया है और सम्प्रति प्रबन्धन जैसे गूढ़ विषय को हिन्दी में लाने का महत प्रयास भी कर रहे हैं। उन्होने इन्फोसिस के प्रबन्धन पर लिखी पुस्तक को आधारस्वरूप लिया है, इस कार्य के लिये। दर्शन का संपुट, कविता का संप्रेषण, प्रबन्धन की गूढ़ता, सब एक में समाहित।

एक और विमा, साहित्य के घेरे में, संवर्धन की प्रक्रिया कई विषयों के लिये। स्वागत कर लें उनका, उत्साह बढ़ा दें उनका और आशा करें कि क्षमतानुसार और समयानुसार जितना भी लिख पायें वे, लिखते रहें।

इतना ही स्वार्थ हो हम सबका भी।

68 comments:

  1. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...अब उनके ब्लॉग के ओर चलते हैं.

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  2. devendra jee se milwaane ke liye dhanyawaad...

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  3. जानकारी के लिए धन्‍यवाद.

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  4. मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

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  5. धैर्य ही मनुष्य के जीने का आधार है लेकिन प्रयास जारी रखकर....देवेन्द्र दत्त मिश्र जी के ब्लॉग को भी पढ़ा उनके ब्लॉग शीर्षक पर आपके द्वारा उनको ब्लोगिंग में लाने की छाप स्पष्ट दिखाई देती है......लिखते भी मन को छूने वाली अंदाज में हैं ....ऐसे अनमोल मोती को ब्लोगिंग से जोरने के लिए आपका आभार.....

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  6. यह एक अच्छा काम है .. अच्छे रचनाकारों को चिंतक को ब्लॉग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए और उनका एक-दूसरे से परिचय भी।

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  7. देवेन्द्र दत्त जी के व्यक्तित्व से परिचय कराने का आभार -कृतित्व से उनका ब्लॉग परिचय कराएगा ही !

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  8. देवेन्द्र जी के अनुभवों से सभी लाभान्वित होगे . स्वागत है उनका ब्लॉग जगत में . और आपको साधुवाद ऐसी विभूति को हमारे बीच लाने के लिए .

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  9. पुण्य का काम किया देवेन्द्र जी को ब्लाग लिखवाने के लिये प्रेरित करके।

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  10. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी का परिचय करवाने के लिए धन्यबाद.

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  11. प्रिय प्रवीण,
    आपका मेरे प्रति इस लेख को पढ कर मन में अति आनन्द भी हो रहा है , तो साथ ही साथ थोढा सा संकोच व झिझक भी । इस लेख हेतु आपको विशेष धन्यवाद कि आपने अपने ब्लाग-वृत्त के अति ज्ञानी, विचारक व उद्बोधक मित्र समाज से मेरा सुहृद भाव से परिचय कराया । आप तो जानते ही हैं मैं तो आपके अति विचार प्रभावी, सुभाषित व रसमयी लेखों व कविताओं का आनन्द उठाने के लिये एक बाल-सुलभ उत्सुकता सहित आपके सुन्दर लेखों से सजित इस ब्लाग-मंच में घुस आया हूँ । वो तो आपके प्रोत्साहन से मैं भी अपने स्वाभाविक विचारों को इस ब्लाग पर अंकित करने का प्रयाश कर रहा हूँ, अब आपने इसे मेरे हेतु एक जिम्मेदारी स्वरूप दे दी है तो पूरा प्रयाश करूँगा कि इसका मैं उचित निर्वहन करूँ।
    सादर व सधन्यवाद

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  12. http://ddmishra.blogspot.com/ अपने ब्लाग रॉल में जोड़ लिया है

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  13. देवेन्‍द्र जी से आपने जो भेंट करवाने का पावन कार्य किया,उसके लिए आभार। लेकिन मैं आपकी परिचय शैली का भी कायल हो गया हूं। किसी एक व्‍यक्ति से मिलते वक्‍त हम अन्‍यान कोणों से उसे अवलोकित करते हैं,लेकिन अभिव्‍यक्‍त करते समय भूल जाते हैं। आप याद रख लेते हैं। अति उत्‍तम।

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  14. देवेन्‍द्र जी से आपने जो भेंट करवाने का पावन कार्य किया,उसके लिए आभार। लेकिन मैं आपकी परिचय शैली का भी कायल हो गया हूं। किसी एक व्‍यक्ति से मिलते वक्‍त हम अन्‍यान कोणों से उसे अवलोकित करते हैं,लेकिन अभिव्‍यक्‍त करते समय भूल जाते हैं। आप याद रख लेते हैं। अति उत्‍तम।

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  15. "लहरों के उछाल में पता ही नहीं चलता कि सागर कितना गहरा है।"
    Waah, main to doob hee gayaa !

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  16. Devendra sir se milwane ke liye abhar..:)

    waise ye sach hai,...ki aapne jis tarah se unka parichay diya...wo bahut bari baat hai..! jo bhi aapke blog pe jayega, usko jarur sir ke blog pe ek baar jana parega...aur fir sir ka blog apne me paripurn hai..:)
    follow karne layak material hai..:D

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  17. मित्र के लिए जो भी कर रहें हैं, वह स्वार्थ की श्रेणी में नहीं बल्कि मित्रता की ही श्रेणी में आता है.हमें भी नए मित्र से परिचय कराने के लिए धन्यवाद !

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  18. गुणी लोगो को ब्लोगिंग में लाने का आभार |

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  19. मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

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  20. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से परिचय कराने एवं उन्‍हें भी ब्‍लाग जगत में लाने के लिये आपका आभार एवं उन्‍हें शुभकामनाएं ।।

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  21. सागरीय लहरों और अन्तरिक्ष की गुरुता से लयबद्ध मिश्र जी के परिचय से अभिभूत हुए

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  22. आपका कहा सर माथे प्रवीण जी ... इतनी अच्छी शक्सियत से मिलना वैसे भी बहुत अछा लगेगा ... शुक्रिया आपका ...

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  23. देवेंद्र जी का ब्लॉग जगत में स्वागत है. एक अलग विषय पर अच्छे रचनाकार से मिलवाने का आभार.

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  24. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार.

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  25. देवेन्द्र दत्त मिश्र बारे में जानकार बहुत खुशी मिली.
    बहुत बहुत आभार आपका .

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  26. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी का ब्लॉग जगत में स्वागत है।

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  27. देवेन्द्र जी से मिलवाने के लिये शुक्रिया। आप जिनकी तारीफ़ करें, बेशक वो इस काबिल होंगे। अच्छे लोगों को ब्लॉग जगत से जोड़कर आप बेहतरीन काम कर रहे हैं। जाते हैं ’अपना ब्लॉग’ पर:)

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  28. ब्लॉग जगत को मिश्र जी जैसे व्यक्ति की सख्त आवश्यकता है... हम उनका स्वागत करते हैं और इस कार्य में भागीदार होने हेतु आपको आभार प्रेषित करते हैं |

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  29. जब बसंती की बातों में दो चोरों का रास्ता कट गया तो मिश्र जी जैसे ज्ञानी के साथ तो कटेगा क्या समय कम पडेगा :) मिश्र जी से परिचित कराने के लिए आभार॥

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  30. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिल कर अच्छा लगा, धन्यवाद

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  31. बहुत आभार मिश्र जी से मिलवाने के लिये. उन्हें बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  32. आपके इस नेक काम के लिए सबसे पहले आपको बहुत - बहुत बधाई दोस्त | अब हम उनसे मिल कर आते हैं |

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  33. देवेन्द्र जी से परिचय कराने के लिये शुक्रिया..

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  34. इस पावन कार्य हेतु आपको साधुवाद.

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  35. देवेन्‍द्रजी का अता-पता देने के लिए धन्‍यवाद। ज्ञानजी ने आपका अता-पता दिया था और अब आपने देवेनद्रजी का। परम्‍परा का सुन्‍दर विस्‍तार किया है आपने।

    देवेन्‍द्रजी के ब्‍लॉग पर हो आने के बाद कह रहा हूँ - आपके सवार्थ में हम सबका भी स्‍वार्थ है।

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  36. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

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  37. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार |अभी जाते है उनके ब्लॉग पर |

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  38. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार.

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  39. प्रतिभावान व्यक्तित्व से परिचय करवाने के लिये धन्यवाद। हम भी चलते हैं उनके ब्लाग की तरफ।

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  40. देवेन्द्र जी से परिचय अच्छा लगा ..

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  41. apka abhar ek shradhey vyakti se parichaya karwane hetu...........

    bahut hi sakaratmak lekh.....

    pranam.

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  42. देवेन्द्र जी से ये पहचान अच्छी लगी... आपकी यह पोस्ट कल चर्चामंच पर होगी... आप कल वह जरूर आयें...

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  43. परिचय के लिये धन्यवाद!

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  44. देवेन्द्र जी से परिचय कराने के लिये धन्यवाद|

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  45. सर याद दिला दी !धन्यवाद

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  46. किसी को भी साधना के लिए प्रेरित करना. बहुत बड़ा काम है. शब्दों की साधना का अपना खास महत्व है. इसके लिए आप साधुवाद के पात्र है.

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  47. देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

    __________
    देवेन्द्र दत्त मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

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  48. आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद उनके ब्लॉग से हो के आया, फिर टिप्पणी कर रहा हूँ...:)

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  49. @ Udan Tashtari
    आपका स्नेह नव ब्लॉगरों पर सदा ही रहा है।

    @ Rajesh Kumar 'Nachiketa'
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ Rahul Singh
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ ललित शर्मा
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ honesty project democracy
    देवेन्द्र जी की लेखन शैली से मैं भी प्रभावित हूँ, एक नयापन है।

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  50. @ मनोज कुमार
    मेरा ही स्वार्थ है अच्छा साहित्य पढ़ने का।
     
    @ Arvind Mishra
    निश्चय ही हमने अपेक्षाओं का बड़ा बोझ डाल दिया है देवेन्द्रजी पर।
     
    @ ashish
    बहुत धन्यवाद आपका।
     
    @ अनूप शुक्ल
    अच्छा साहित्य पढ़ने का स्वार्थ तो मेरा ही है।
     
    @ रचना दीक्षित
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  51. @ देवेन्द्र
    आप पर ब्लॉगरों की अपेक्षा का महत भार डालकर मुझे अपने अधिकारों से आगे जाने में अटपटा लग रहा है पर साहित्य संवर्धन के लिये यह भी स्वीकार है।

    @ Kajal Kumar
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ राजेश उत्‍साही
    देवेन्द्रजी के व्यक्तित्व का आकर्षण ही है कि मैं भूल नहीं पाया।
     
    @ पी.सी.गोदियाल "परचेत"
    सागर की गहराई नापना और लहरों से खेलना, दोनों ही जीवन के अंग हैं।

    @ Mukesh Kumar Sinha
    देवेन्द्रजी की शैली मुझे भी रोचक लगी।

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  52. @ संतोष त्रिवेदी
    अच्छे साहित्य पढ़ने स्वार्थ तो मेरा ही है।
     
    @ नरेश सिह राठौड़
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ Deepak Saini
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ सदा
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ गिरधारी खंकरियाल
    देवेन्द्रजी के सहजता के सुर हमें भी झंकृत कर गये हैं।

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  53. @ दिगम्बर नासवा
    बहुत धन्यवाद आपका।
     
    @ मेरे भाव
    उनके अनुभव का लाभ ब्लॉग जगत को मिलेगा।

    @ ZEAL
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ Rakesh Kumar
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ mahendra verma
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  54. @ संजय @ मो सम कौन ?
    अनुभव का लाभ सबको मिले।

    @ गौरव शर्मा "भारतीय"
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ cmpershad
    आपको कैसे पता लगा कि बसंती की भी बातें हुयीं।
     
    @ राज भाटिय़ा
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ ताऊ रामपुरिया
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  55. @ Minakshi Pant
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ भारतीय नागरिक - Indian Citizen
    बहुत धन्यवाद आपका।
     
    @ Manoj K
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ विष्णु बैरागी
    ज्ञानदत्तजी ने मुझ अज्ञानी का उत्साह बढ़ा कृपा का कार्य किया, मैं तो अच्छे साहित्य को खोजने में लगा हूँ।

    @ डॉ॰ मोनिका शर्मा
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  56. @ Ratan Singh Shekhawat
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ संजय कुमार चौरसिया
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ निर्मला कपिला 
    प्रतिभा व अनुभव दोनों का ही संमिश्रण मिलेगा उनके ब्लॉग पर।

    @ ajit gupta
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ संगीता स्वरुप ( गीत ) 
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  57. @ सञ्जय झा
    प्रभावित होकर परिचय कराना मेरा धर्म था, वह निभा रहा हूँ।

    @ डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
    बहुत धन्यवाद आपका इस सम्मान के लिये।

    @ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन 
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ Patali-The-Village 
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ G.N.SHAW 
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  58. @ संतोष पाण्डेय
    हम तो पीछे लगे रहे, जब ब्लॉग खुल गया तब संतोष हुआ।

    @ Coral
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ abhi 
    बहुत धन्यवाद आपका।

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  59. देवेन्‍द्र जी से मिलकर प्रसन्‍नता हुई। इस मुलाकात के लिए आभार।

    ---------
    पैरों तले जमीन खिसक जाए!
    क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?

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  60. विविध विषयों की जरूरत है, वाकई ...

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  61. यह तो बड़ा ही अच्छा किया आपने...

    मेरा प्रबल विश्वास है कि सत संग बड़े भाग्य से ,हमारे संचित सुकर्मो के फलस्वरूप ही मिलता है...

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  62. @ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
    बहुत धन्यवाद आपका।

    @ नीरज बसलियाल
    जीवन के विभिन्न पहलुओं का मिश्रण लेखन में गुणवत्ता लाता है।

    @ रंजना
    ईश्वर की माया है जो इस प्रकार के अवसर दे रहे हैं।

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  63. kafi information ha ge es post me visit my blog plz
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  64. प्रवीण जी आपका व आपके इस ब्लॉग परिवार के सभी मित्र-जनों का मेरे लेखन की स्वीकारिता व प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार व धन्यवाद । मेरा पूर्ण प्रयाश व आप शुभेच्छुओं की शुभकामनाओं के आधार पर मैं मन में यह विश्वास रखने का साहस करता हूँ कि मैं इस जिम्मेदारी को आप लोगों की अपेक्षा के अनुरूप निभा पाऊँगा ।

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  65. @ Pinky Kaur
    बहुत धन्यवाद आपका

    @ देवेन्द्र
    यदि आप पर सुधीजनों के आग्रह का भार नहीं होगा तो व्यस्तता आपको घेर लेगी।

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  66. मिश्र जी से मिलवाने के लिए आभार...

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  67. @ संजय भास्कर
    बहुत धन्यवाद आपका।

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